Mushroom Farming Business Kaise Kare मशरूम का बिज़नेसBusiness by Chote Udyog - May 11, 2021July 19, 20210 Mushroom Farming Business Kaise Kare मशरूम या टॉडस्टूल एक कवक का मांसल, बीजाणु-रहित फलदायी शरीर है, जो आमतौर पर जमीन के ऊपर, मिट्टी पर या इसके भोजन स्रोत पर उत्पन्न होता है।”मशरूम” नाम का मानक खेती सफेद बटन मशरूम, अगरिकस बिसपोरस है; इसलिए “मशरूम” शब्द सबसे अधिक बार उन कवक पर लागू होता है, जिसमें टोपी के नीचे एक तना, एक टोपी, और गलफड़ा है। “मशरूम” भी तने के साथ या उसके बिना, विभिन्न प्रकार के ग्रील्ड कवक का वर्णन करता है, इसलिए इस शब्द का उपयोग कुछ असोमाइकोटा के मांसल फलने वाले पिंडों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ये गलफड़े सूक्ष्म बीजाणु पैदा करते हैं जो कवक को जमीन या इसके आसपास की सतह पर फैलने में मदद करते हैं।भारत में मशरूम का उत्पादन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, केरल और त्रिपुरा में किया जाता है। मशरूम न केवल स्वाद में स्वादिष्ट होता है, इसमें कई अन्य गुण होते हैं जिनमें प्रोटीन, फाइबर, पोटेशियम, तांबा, जस्ता, सेलेनियम, मैग्नीशियम और कैंसर से लड़ने वाले पोषक तत्व शामिल होते हैं।Table of Contents Mushroom Farming बिज़नेस क्या हैMushroom कितने Types की होती हैमशरूम कई प्रकार की होती है लेकिन यह हम तीन प्रकार की मशरूम का जिक्र करते है जो काफी प्रचलित है :-Mushroom Farming की तकनीकMushroom Farming के लिए आवश्यक खर्चMushroom Farming बिज़नेस के लिए लाइसेंसMushroom Farming के लिए आवश्यक सामग्रीMushroom Farming की प्रक्रियाMushroom Farming बिज़नेस से होने वाला प्रॉफिटMushroom Farming के लिए ट्रेनिंगMushroom Farming बिज़नेस के लिए सब्सिडीMushroom Farming बिज़नेस क्या हैMushroom Farming Business Kaise Kare एक व्यक्ति जिसके पास मशरूम उगाने की विज्ञान और तकनीक का थोड़ा बहुत विचार है और खेत बनाने के लिए अपनी खुद की जमीन है – मशरूम व्यवसाय शुरू करने के लिए सही विकल्प होगा। मशरूम की खेती एक कला है और इसमें अध्ययन और अनुभव दोनों की आवश्यकता होती है।मशरूम की खेती मूल रूप से कवक उगाने का व्यवसाय है। आजकल, मशरूम की खेती भारत में सबसे अधिक उत्पादक और लाभदायक व्यवसाय है।यह भारत में धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि कुछ ही समय में, यह किसानों की मेहनत को लाभ में बदल देता है। किसान मशरूम की खेती का उपयोग भारत में धन के वैकल्पिक स्रोत के रूप में करते हैं। मशरूम खाने में स्वादिष्ट होते हैं। आप इसे अपने सूप, सब्जियां, स्टॉज में जोड़ सकते हैं, और इसे अपने पसंदीदा पिज्जा पर टॉप कर सकते हैं। एक मशरूम की खेती का व्यवसाय कुछ ही हफ्तों में बड़े लाभ का साधन हो सकता है जिसमें व्यवसाय शुरू करने के लिए काफी कम पूंजी निवेश है। Mushroom कितने Types की होती हैमशरूम कई प्रकार की होती है लेकिन यह हम तीन प्रकार की मशरूम का जिक्र करते है जो काफी प्रचलित है :-Button mushroomOyster mushroomPaddy straw mushroomsMushroom Farming की तकनीकMushroom Farming Business Kaise Kare आप कृत्रिम रूप से मशरूम उगा सकते हैं लेकिन आपको बहुत सारे स्थान की आवश्यकता होगी जहाँ आप मशरूम उगा सकते हैं। हमारे देश ने मशरूम की खेती का व्यवसाय दो तरह से शुरू किया है। आप या तो एक कंपनी बना सकते हैं या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं या यदि आप एक किसान हैं तो आप अपने खेत में मशरूम उगा सकते हैं। आपको जमीन के उस हिस्से को एक कमरे की तरह चारों तरफ से कवर करना होगा। यह व्यवसाय आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।Mushroom Farming के लिए आवश्यक खर्चमशरूम फार्मिंग का निवेश का स्तर आपके बजट और व्यवसाय के स्तर के साथ बदलता रहता है। यदि आप छोटे स्तर पर इस बिज़नेस को शुरू करते है तो लागत कम आएगी और बड़े स्तर पर करते है तो खर्चा ज्यादा आएगा। आपको मशरूम की भूमि और देखभाल पर खर्च करने की आवश्यकता होगी। आपको कीटनाशकों पर भी खर्च करना होगा। यदि आप छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करते हैं तो आपको 10000 से 50000 रुपये खर्च करने होंगे, जबकि बड़े पैमाने पर 1 लाख रूपये से 10 लाख रूपये तक निवेश हो सकते हैं।Mushroom Farming बिज़नेस के लिए लाइसेंसBusiness RegistrationIEC Code GST RegistrationTrade LicenseTrade MarkFood Safety And Standard Authority Of India (FSSAI)Mushroom Farming के लिए आवश्यक सामग्रीस्ट्रॉ एंड स्पॉन :- बिना किसी सांचे के अनाज के स्ट्रॉ और सुनहरे पीले धान के पुआल को प्राप्त करें। इन धान के पुआल को केवल सूखे स्थान पर संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है। संस्कृति शुरू करने के लिए एक स्पॉन बनाएं। एक तैयार-टू-इनोकुलेट स्पॉन खरीदें या बाँझ संस्कृति के साथ अपने स्वयं के स्पॉन का उत्पादन करें। पुआल विधि के लिए सबसे अच्छा तरीका है।प्लास्टिक शीट :- 400 गेज की मोटाई वाली प्लास्टिक शीट प्राप्त करें। प्लास्टिक बैग को स्पॉन और स्ट्रॉ के साथ पैक करें। आपको प्लास्टिक बैग में लगभग 2 या 3 इंच पुआल पैक करने और स्पॉन छिड़कने की जरूरत है। एक प्लास्टिक की थैली में छेद प्रहार।लकड़ी का साँचा :- लकड़ी के साँचे का आकार 45x30x15 सेमी होता है। 44 × 29 सेमी आयाम के बारे में अलग लकड़ी के कवरचैफ कटर या हैंड चॉपर :- स्ट्रॉ काटने के लिए हैंड चॉपर या चैफ कटर का होना जरूरी है।भारत की बात करें तो इसको सर्दियों के समय में उगाया जाता है. क्योंकि इसकी खेती के दौरान तापमान कम होना चाहिए, इसके साथ ही मशरूम को उगाने के लिए घास-फूस या फिर आप गेहूं एवं धान के भूसे की आवश्यकता होती है. इसकी सुरक्षा हेतु आपको कीटनाशक दवाएं एवं इसका बीज भी खरीदना होता है. मशरूम की खेती कमरे में भी की जा सकती है. बस आपको ध्यान रखना होगा कि इसे सिर्फ नमी में ही उगाया जाता है. इसके अलावा आपको कई कार्बनिक अकार्बनिक यौगिकों, नाइट्रोजन पोषकों को भी खरीद ले, इसके इस्तेमाल से उत्पादन क्षमता में अच्छी खासी वृद्धि मिल जाती है। Mushroom Farming की प्रक्रियाइसकी खेती करने के लिए आपको एक कमरे की जरुरत होती है अगर आप इसे घर पर शुरु करते है तो एक कमरे में भी काम चल जाता है। अगर आप बड़े स्तर पर खेती करते है तो आप खेत में भी कर सकते है। लेकिन आप चाहें तो लकड़ियों का एक जाल बनाकर भी उसके नीचे मशरूम उगाना आरम्भ कर सकते हैं।धान और गेहूं के भूसे की मदद से कॉम्पोस्ट खाद बनाना :- मशरूम की खेती करने के लिए खाद की जरुरत होती है, जिसके लिए आप गेहूं या धान के भूसे का उपयोग कर सकते है. इसके लिए आपको भूसे को कीटाणु रहित बनाना होगा. ताकि इसमें मौजूद कीटाणु एवं अशुद्धियाँ दूर हो जाए. ऐसा इसलिए करते है, ताकि मशरूम की फसल को उगने में कोई बाधा ना आये एवं इसके पौधे की वृद्धि एवं इसके गुणों में को अवरोध उत्पन्न ना हो. आपको लगभग 1500 लीटर पानी में 1.5 किलोग्राम फार्मलीन एवं 150 ग्राम बेबिस्टीन मिलाना होता है. इसमें दोनों रसायन या कीटनाशकों को एक साथ मिलाना होता है. इसके बाद इस पानी में 1 किवंटल 50 किलोग्राम गेहूं का भूसा डालकर अच्छे से मिला लेना होता है. उसके बाद इसे कुछ समय के लिए ढक्कर रखना पड़ता है. जिससे ये खाद या भूसा आपके लिए मशरूम उगाने का माध्यम बनकर तैयार हो जायेगा.मशरूम की बुवाई :- पहले चरण के बाद इस भूसे को हवा में बाहर कहीं अच्छे से फैला लें, ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हवा के सम्पर्क में लाकर इसकी नमी को 50 प्रतिशत तक काम किया जा सके. इसके बाद आपको भूसे को बार-बार पलटना पड़ता है. जिसके बाद ये बुवाई करने के लिए तैयार हो जाता है. 16 बाई 18 का एक पॉलिथीन बैग लेकर इसमें परतों के हिसाब से बुवाई करते हैं, जैसे की पहले भूसा उसके ऊपर बीज और इसी तरह से 3-4 परतें बना लेते हैं. ध्यान रहे इस बैग के नीचे दोनों कोने पर छेद कर लें, जिससे बचा हुआ पानी निकल जाये, इतना ही नहीं इस पन्नी के बैग को कसकर बांध लें. जिससे इसमें कहीं भी हवा की गुंजाइस ना रहे. इसके बीज या भूसे का अनुपात हर एक परत में बराबर होना आवश्यक है. हालांकि ये मिल्की मशरूम में ही की जाती है. जबकि ऑरेस्टर मशरूम में मिक्स करने की तकनीकी का इस्तेमाल होता है. मतलब बिना परतों के ही मशरूम के बीज और भूसे को मिला दिया जाता है. बुवाई की प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद इस पैकेट में कुछ छोटे-छोटे छिद्र कर दिए जाते है. जिससे मशरूम के पौधे बाहर निकल सकें।नमी एवं तापमान पर नियंत्रण :- मशरूम की खेती के लिए काफी नमि की जरूरत होती है। नमी पर नियंत्रण करने के लिए आपको कभी-कभी दीवारों पर पानी का छिड़काव करना होगा, ध्यान रहे नमी लगभग 70 डिग्री तक की होनी चाहिए इसके बाद आपको कमरे के तापमान पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी है. मशरूम की फसल को अच्छे से उगाने हेतु लगभग 20 से 30 डिग्री का तापमान ही ठीक रहता है।मशरूम के थैले रखने के तरीके :- अपने कमरे में मशरूम की खेती करने के लिए आपको मशरूम वाले थैले को तरीकों से रखना होता है. इसे या तो आप किसी लकड़ी और रस्सी की सहायता से बांध कर लटका दें या फिर एक तरह से लकड़ियों या किसी धातु से पलंगनुमा जाल तैयार कर लें जिस पर मशरूम के थैले आसानी से रख सकें।कब और कैसे करें कटाई :- विशेषज्ञों की माने तो इसकी फसल अधिकतम 30 से 40 दिनों के भीतर काटने के लिए तैयार हो जाती है. उसके बाद आपको इसका फल दिखाई देने लगता है, जिसे आप आसानी से हाथ से ही तोड़ सकते हैं।Mushroom Farming बिज़नेस से होने वाला प्रॉफिटमशरूम की डिमांड मार्किट में लगातार बनी रहती है विवाह शादियों के समय तो यह मांग और ज्यादा बढ़ जाती है तो जाहिर सी बात है कि इससे होने वाला लाभ भी आपको ज्यादा होगा। इस बिज़नेस में लाभ की बात करें तो पूरे विश्व में इस व्यापार में हर साल 12.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है. इसका तात्पर्य यह है, कि आप इस बिज़नेस में कम समय में ही अच्छा मुकाम हासिल कर सकते है. अगर आप 100 वर्गमीटर में व्यापार आरम्भ करते है, तो आपको लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख तक का लाभ हर साल मिल सकता है। हालांकि ये आपकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाली तकनीकी पर निर्भर करेगा।Mushroom Farming के लिए ट्रेनिंगवर्तमान में, सरकार भारतीय कृषि पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और वे किसानों को बेहतर और प्रभावी उत्पादकता के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। यदि आप मशरूम की खेती में रुचि रखते हैं तो सरकार द्वारा मशरूम की खेती प्रशिक्षण में शामिल होना सबसे अच्छा अवसर है। इसके साथ, इस तकनीक-प्रेमी दुनिया में, आप मशरूम की खेती का प्रशिक्षण ऑनलाइन ले सकते हैं, जो सीखने का सबसे आसान तरीका है।आप इस लिंक पर जाकर भी ऑनलाइन ट्रेनिंग ले सकते है।Mushroom Farming बिज़नेस के लिए सब्सिडीMushroom Farming Business Kaise Kare मशरूम की खेती के लिए सरकार द्वारा ऋण देने की योजनाएं भी बनाई गयी है। https://www.nabard.org वेबसाइट के जरिये आप इस योजना का बारे में और जानकारी ले सकते हैं। आपको एक व्यावसायिक प्रस्ताव बनाकर सरकारी कार्यालय में जाना होगा। वहां पर आपको पैन कार्ड आधार कार्ड, निवासी प्रमाण पत्र और बैंक खाता की जानकारी वहां देनी पड़ेगी ऐसा करने से आपको सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी अगर आप छोटे किसान हैं तो हर एक मशरूम फल के थैले पर 40 प्रतिशत तक एवं सामान्य व्यक्ति के लिए 20 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी के लिए आपको अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा तभी आपको सब्सिडी मिलेगी और अगर आपको सब्सिडी नहीं चाहिए तो आपको इसका रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण करवाने की जरुरत नहीं है। Businessतो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर Mushroom Farming Business Kaise Kare के बारे में बताया गया है अगर ये Mushroom Farming Business Kaise Kare आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि वे इस बारे में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।